पश्चाताप

  • 2.4k
  • 2
  • 855

उज्जैन में कुम्भ मेला समाप्त हो चुका था भीड़ भगदड़ के अलावा कोई घटना नही घटित हुई थी। आशीष की मैट्रिक परीक्षाएं शुरू होने वाली थी उसने अपना ध्यान परीक्षाओं पर केंद्रित कर रखा था लेकिन वह महाकाल की सेवा एव त्रिलोचन महाराज की सेवा से मुक्त नही था ।इधर महाकाल युवा समूह अपनी नई नई उपलब्धियों के कारण नित सफलता के नए सोपान को प्राप्त करता हुआ सनातन के ईश्वरीय अवधारणा के युवा आदर्श की अवधारणा की दिशा दृष्टि बन युवा शक्ति को प्रेरित प्रोत्साहित करता जा रहा था तो महादेव परिवार भारतीय परिवारो को सन्मत संयम संकल्प के