वाणिज्यिकृत ईश्वर जब ईश्वर ने इंसान बनाया तब संभवतः ईश्वर भी इस बात से अनभिज्ञ होगा कि एक दिन इंसान ईश्वर बनाएगा। कहते थे भक्त से ईश्वर हैं और ईश्वर से उनका भक्त लेकिन वर्तमान में इसकी परिभाषा परिवर्तित हो गई है और हो भी क्यों न आखिर परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है। आज कहते हैं कि धन से ईश्वर हैं और ईश्वर से धन है। अगर आपकी जेब में धन है तो ईश्वरीय मूर्ति के प्रहरी आपको मूर्ति के निकट आने की अनुमति देंगे और आपके चढ़ावे के अनुरूप वो प्रहरी आपको भावी धन, वैभव, सम्पदा के