MY DEAR TOILET - 1

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MY DEAR TOILETWRITTEN BY SURESH PAWAR“लगे तो लगे भले किसी की बद्दुआ लगे लेकिन किसी की हमे आदत ना लगे।“इंसान अक्सर इस लिए नहि टूटता कि उसे किसी से मोहब्बत हो गई और किसी ने उसका दिल तोड़ दिया। वह इसलिए टूटता है क्योंकि उसे सुबह शाम उठते बैठते, सोते जागते, खाते पीते किसी की आदत हो जाती है। अगर जिस की आदत हो जाए और वो हमसे बिछड़ जाए तो उस आदत का क्या? इंसान उसे बर्दास्त नही कर पाता। कही तौर पे वो अपनी मानसिक स्थिति खो देता है और हार जाता है। क्योंकि वह स्वीकार ही नही कर पाता