हमेशा अकेली

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बात कुछ यू शुरू हुई, कॉलेज के दिन थे बड़े मजे वाले एक साल पूरा हुआ भी नहीं की फ़ोन की खुशी, नया था तो, धीरे धीरे सोशल मीडिया पर समय बीतता, एक दिन किसी स्कूल मित्र ने मेरे नंबर उसके मित्र को दे दिए हसीं मजाक मे मुझे मैसेज आया हलो मैंने कहा आप कौन में आप को नहीं जानती. उधर से भी कुछ यही मैसेज आया मैंने कहा नंबर कहा से मिले. उधर से जवाब आया आप को क्या करना है मैंने कहा नंबर मेरे है तो मतलब हैऐसे करते दिन बीत गए ब्लॉक कर दिया मैंने फिर एक