इस दश्‍त में एक शहर था - 16

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इस दश्‍त में एक शहर था अमिताभ मिश्र (16) तिक्कू चाचा लेटे हुए अपने ब्याह को देख रहे थे। तभी उन्हें जोर की पेशाब लगी, अपनी समझ में वे उठे अपने शरीर को उठाया और बाथरूम तक पहुंचे और कर दी पेशाब। पर वे वास्तव में कहीं नहीं गए या जा पाए दरअसल उनके दिमाग और शरीर का तालमेल नहीं रह गया था और उन्होंने यह सब मान लिया था नतीजतन उन्होंने पूरा बिस्तर गीला कर दिया था और इसी के साथ वे ब्याह से बाहर आ गए थे और हमेशा की तरह चिलला उठे थे ”लप्पू ओ लप्पू ये